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Bhagavad Gita chapter 1 text 6,7,8

Day 3 ( January 3 )



TEXT 6

yudhāmanyuś ca vikrānta

uttamaujāś ca vīryavān

saubhadro draupadeyāś ca

sarva eva mahā-rathāḥ

SYNONYMS

yudhāmanyuḥYudhāmanyu; caand; vikrāntaḥmighty; uttamaujāḥ—Uttamaujā; caand; vīryavānvery powerful; saubhadraḥthe son of Subhadrā; draupadeyāḥthe sons of Draupadī; caand; sarveall; evacertainly; mahā-rathāḥgreat chariot fighters.

TRANSLATION

There are the mighty Yudhāmanyu, the very powerful Uttamaujā, the son of Subhadrā and the sons of Draupadī. All these warriors are great chariot fighters.

TEXT 7

asmākaṁ tu viśiṣṭā ye

tān nibodha dvijottama

nāyakā mama sainyasya

saṁjñārthaṁ tān bravīmi te

SYNONYMS

asmākamour; tubut; viśiṣṭāḥ—especially powerful; yethose; tānthem; nibodhajust take note, be informed; dvijottamathe best of the brāhmaṇas; nāyakāḥcaptains; mamamy; sainyasyaof the soldiers; saṁjñā-arthamfor information; tānthem; bravīmiI am speaking; teyour.

TRANSLATION

O best of the brāhmaṇas, for your information, let me tell you about the captains who are especially qualified to lead my military force.

TEXT 8

bhavān bhīṣmaś ca karṇaś ca

kṛpaś ca samitiṁ-jayaḥ

aśvatthāmā vikarṇaś ca

saumadattis tathaiva ca

SYNONYMS

bhavānyourself; bhīṣmaḥGrandfather Bhīṣma; caalso; karṇaḥKarṇa; caand; kṛpaḥKṛpa; caand; samitiñjayaḥ—always victorious in battle; aśvatthāmāAśvatthāmā; vikarṇaḥVikarṇa; caas well as; saumadattiḥthe son of Somadatta; tathāand as; evacertainly; caand.

TRANSLATION

There are personalities like yourself, Bhīṣma, Karṇa, Kṛpa, Aśvatthāmā, Vikarṇa and the son of Somadatta called Bhuriśravā, who are always victorious in battle.


अध्याय 1: कुरुक्षेत्र के युद्धस्थल में सैन्यनिरीक्षण

श्लोक 1 . 6 


युधामन्युश्र्च विक्रान्त उत्तमौजाश्र्च वीर्यवान् |


सौभद्रो द्रौपदेयाश्र्च सर्व एव महारथाः || ६ ||


युधामन्युः - युधामन्यु; - तथा; विक्रान्तः - पराक्रमी; उत्तमौजाः - उत्तमौजा; - तथा; विर्यवान् - अत्यन्त शक्तिशाली; सौभद्रः - सुभद्रा का पुत्र; द्रौपदेवाः - द्रोपदी के पुत्र; - तथा; सर्वे - सभी; एव - निश्चय ही; महारथाः - महारथी । 



भावार्थ

पराक्रमी युधामन्यु, अत्यन्त शक्तिशाली उत्तमौजा, सुभद्रा का पुत्र तथा द्रोपदी के पुत्र - ये सभी महारथी हैं।




अध्याय 1: कुरुक्षेत्र के युद्धस्थल में सैन्यनिरीक्षण

श्लोक 1 . 7 


अस्माकं तु विशिष्टा ये तान्निबोध द्विजोत्तम |


नायका मम सैन्यस्य संज्ञार्थं तान्ब्रवीमि ते || ७ ||




अस्माकम् - हमारे; तु - लेकिन; विशिष्टाः - विशेष शक्तिशाली; ये - जो; निबोध - जरा जान लीजिये, जानकारी प्राप्त कर लें, द्विज-उत्तम - हे ब्राह्मणश्रेष्ठ; नायकाः - सेनापति, कप्तान; मम - मेरी; सैन्यस्य - सेना के; संज्ञा-अर्थम् - सूचना के लिए; तान् - उन्हें; ब्रवीमि - बता रहा हूँ; ते - आपको ।



भावार्थ

किन्तु हे ब्राह्मणश्रेष्ठ! आपकी सूचना के लिए मैं अपनी सेना के उन नायकों के विषय में बताना चाहूँगा जो मेरी सेना को संचालित करने में विशेष रूप से निपुण हैं ।



अध्याय 1: कुरुक्षेत्र के युद्धस्थल में सैन्यनिरीक्षण

श्लोक 1 . 8


भवान्भीष्मश्र्च कर्णश्र्च कृपश्र्च समितिंजयः |अश्र्वत्थामा विकर्णश्र्च सौमदत्तिस्तथैव च || ८ ||
भवान् - आप; भीष्मः - भीष्म पितामह; - भी; कर्णः - कर्ण; - और; कृपः - कृपाचार्य; - तथा; समितिञ्जयः - सदा संग्राम-विजयी; अश्र्वत्थामा - अश्र्वत्थामा; विकर्णः - विकर्ण; - तथा; सौमदत्तिः - सोमदत्त का पुत्र; तथा - भी; एव - निश्चय ही; - भी।
 
भावार्थ

मेरी सेना में स्वयं आप, भीष्म, कर्ण, कृपाचार्य; अश्र्वत्थामा, विकर्ण तथा सोमदत्त का पुत्र भूरिश्रवा आदि हैं जो युद्ध में सदैव विजयी रहे हैं ।


 तात्पर्य

 

दुर्योधन उन अद्वितीय युद्धवीरों का उल्लेख करता है जो सदैव विजयी होते रहे हैं । विकर्ण दुर्योधन का भाई है, अश्र्वत्थामा द्रोणाचार्य का पुत्र है और सोमदत्ति या भूरिश्रवा बाह्लिकों के राजा का पुत्र है । कर्ण अर्जुन का आधा भाई है क्योंकि वह कुन्ती के गर्भ से राजा पाण्डु के साथ विवाहित होने के पूर्व उत्पन्न हुआ था । कृपाचार्य की जुड़वा बहन द्रोणाचार्य को ब्याही थी ।




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